Details, Fiction and attitude urdu poetry
शेर जैसा जिगरा चाहिऐ हमको हाथ लगाने मैं !!ये जो किस्मत अकड़ कर बैठी हैं इसे भी ज़रूर हरायेंगे..!मुझे हरा कर कोई मेरी जान भी ले जाए मुझे मं
शेर जैसा जिगरा चाहिऐ हमको हाथ लगाने मैं !!ये जो किस्मत अकड़ कर बैठी हैं इसे भी ज़रूर हरायेंगे..!मुझे हरा कर कोई मेरी जान भी ले जाए मुझे मं